This page uses Javascript. Your browser either doesn't support Javascript or you have it turned off. To see this page as it is meant to appear please use a Javascript enabled browser. BABA BIHARILAL EDUCATIONAL INSTITUTE,AMADARVESHPUR (NEORI) AMBEDKAR NAGAR, (U.P.),
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महाविद्यालय का संक्षिप्त इतिहास एवं परिचय

महाविद्यालय का संक्षिप्त इतिहास एवं परिचय

ज्ञान ज्योति का पावन मंदिर, मानवता का हार है |
एकात्मता का निलय सुन्दर, सद्ज्ञान का परिवार है |
महाविद्यालय : एक दृष्टी में
पूर्वी उत्तर प्रदेश अम्बेडकर नगर जिले के बाबा गोविन्द साहब की तपो स्थली के निकट तथा पतित पावनी पवित्र सरयू नदी के पावन तट के दक्षिण लगभग 15 कि.मी. की दूरी पर आमादरवेशपुर ग्राम में बाबा बिहारी लाल एजुकेशनल इंस्टिट्यूट स्थित है। इस कालेज के संस्थापक श्रीयुत जय प्रकाश यादव एवं हमारे प्रेरणा श्रोत मा० बलराम यादव जी पंचायती राज मंत्री के करकमलों द्वारा 26 जनवरी 2007 को इस महाविद्यालय की आधार शिला रखी गयी इस महाविद्यालय के प्रबन्धक श्री वेद प्रकाश गोपाल जी एवं अध्यक्ष श्री तीर्थराज यादव जी हैं। महाविद्यालय का नाम महाविद्यालय के प्रबन्धक जी के पितामह स्व० श्री बिहारी लाल के नाम पर रखा गया। यह महाविद्यालय आजमगढ़ अम्बेडकर नगर मुख्य मार्ग पर न्योरी चौराहे से 1 किमी. उत्तर दिशा में स्थित है। अम्बेडकर नगर से मुख्य राज्य मार्ग पर इस महाविद्यालय की दूरी 40 किमी. एवं आजमगढ़ से 50 किमी. की दूरी पर यह महाविद्यालय स्थित है।

अध्यक्ष और प्रबन्धक जी के मन में एक अटूट विश्वास एवं एवं उत्कृष्ट इच्छा थी कि इस ग्रामीण क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना कर अज्ञानता का जीवन जी रही जनता को इससे मुक्ति दिलायी जाय। आपने उस सपने को साकार करने के लिए शिक्षा की जो मशाल जलाई है वह अनवरत जलती रहेगी। जब तक धरती, आकाश और तारे रहेगें, महाविद्यालय और प्रबन्धक एवं दृढ़ इच्छा वाले अध्यक्ष तथा मंत्री जी का नाम रहेगा। इस संसार में बहुत लोग हैं। परन्तु दृढ़ इच्छा शक्ति को मूर्त रुप देने के लिए विरले होते है। इसी विचार से आपने और आपके अनुजों ने समाज कल्याण और इस पिछड़े क्षेत्र को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित करने के लिए इस महाविद्यालय की स्थापना की।

इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है।

अध्यक्ष और प्रबन्धक जी के मन में एक अटूट विश्वास एवं एवं उत्कृष्ट इच्छा थी कि इस ग्रामीण क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना कर अज्ञानता का जीवन जी रही जनता को इससे मुक्ति दिलायी जाय। आपने उस सपने को साकार करने के लिए शिक्षा की जो मशाल जलाई है वह अनवरत जलती रहेगी। जब तक धरती, आकाश और तारे रहेगें, महाविद्यालय और प्रबन्धक एवं दृढ़ इच्छा वाले अध्यक्ष तथा मंत्री जी का नाम रहेगा। इस संसार में बहुत लोग हैं। परन्तु दृढ़ इच्छा शक्ति को मूर्त रुप देने के लिए विरले होते है। इसी विचार से आपने और आपके अनुजों ने समाज कल्याण और इस पिछड़े क्षेत्र को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित करने के लिए इस महाविद्यालय की स्थापना की।

वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रामों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर मूल्यांकन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं हैं | ग्रामीण एवं पिछड़ें क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये यह महाविद्यालय संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हैं |